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10 साल बाद परीक्षा:साढ़े छह लाख अभ्यर्थी, राज्य में परीक्षा लेने की क्षमता 3 लाख की, इसलिए 2 दिन होगी परीक्षा

10 साल बाद परीक्षा:साढ़े छह लाख अभ्यर्थी, राज्य में परीक्षा लेने की क्षमता 3 लाख की, इसलिए 2 दिन होगी परीक्षा

रांची8 घंटे पहलेलेखक: पंकज त्रिपाठी

10 साल के इंतजार के बाद राज्य के ग्रेजुएट बेरोजगारों के लिए रोजगार का बड़ा अवसर आया है। झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) वर्ष 2014 के बाद अब स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा ले रहा है। परीक्षा 28 जनवरी और चार फरवरी को होगी। एक ही परीक्षा दो तिथियों में होगी क्योंकि इतने आवेदन आए कि परीक्षार्थियों को बिठाने के लिए परीक्षा केंद्र ही नहीं हैं। परीक्षा के लिए साढ़े छह लाख एडमिट कार्ड जारी किए गए हैं। जबकि सभी जिलों में सभी केंद्रों को मिलाने के बाद भी परीक्षा लेने की अधिकतम क्षमता करीब चार लाख तक की ही है।

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यह पहला मौका है जब किसी परीक्षा के लिए राज्य के सभी जिलों के साथ साथ अनुमंडल स्तर पर भी केंद्र बनाए गए हैं। इतनी बड़ी परीक्षा का आयोजन कराना अब जेएसएससी के लिए भी बड़ी चुनौती है क्योंकि एक अध्यक्ष और एक सदस्य के अलावा करीब 30 अधिकारी-कर्मचारी ही हैं। ऐसे में रिजल्ट जारी करना और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कब तक पूरा होगा, बड़ा सवाल है। जेएसएससी अभी 2016 के विज्ञापन से हुई नियुक्तियों काे ही अंतिम रूप दे रहा है।

2014 में 104 पदों की थी वैकेंसी, दो लाख छात्रों ने दी थी परीक्षा, अब 2025 पद और साढ़े छह लाख आवेदक, 735 केंद्र बनाए गए

साल 2014 के विज्ञापन के आधार पर साल 2015 में जेएसएससी ने अंतिम बार परीक्षा ली थी। तब 104 वैकेंसी थी। दो लाख छात्रों ने परीक्षा दी थी, प्रारंभिक परीक्षा के बाद परीक्षा स्थगित हाे गई। आयाेग ने तकनीकी कारण बताते हुए परीक्षा स्थगित की थी पर एेसी शिकायत मिली थी कि प्रश्न पत्र लीक हाे गए थे।

इसलिए अचानक परीक्षा स्थगित की गई। इसके बाद भी विज्ञापन निकाले गए पर कभी मामला काेर्ट में जाने ताे कभी सरकार बदलने के कारण परीक्षा नहीं हाे सकी। इस बार 2025 पदाें की रिक्तियाें के लिए साढ़े छह लाख आवेदक है। इसमें सहायक प्रशाखा पदाधिकारी, कनीय सचिवालय सहायक, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, प्लानिंग असिस्टेंट, अंचल निरीक्षक, प्रखंड कल्याण पदाधिकारी के पदाें पर नियुक्तियां हाेनी हैं। इस बार परीक्षा के लिए राज्य में कुल 735 केंद्र बनाए गए हैं। 28 जनवरी काे 3.22 लाख और चार फरवरी काे 3.17 लाख अभ्यर्थी परीक्षा देंगे।

भर्ती में गड़बड़ी रोकने के सख्त कानून के बाद यह पहली परीक्षा

झारखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम एवं निवारण के उपाय) अधिनियम, 2023 को लागू होने के बाद पहली बार इस परीक्षा का आयोजन किया गया है। इसमें सभी जिलों के उपायुक्तों को संयोजक बनाया गया है। उल्लेखनीय है कि परीक्षा में कदाचार या किसी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए राज्य सरकार ने पिछले साल नवंबर में सख्त कानून बनाया है। कदाचार में लिप्त लोगों को उम्रकैद तक की सजा के प्रावधान किए गए हैं।

तीसरी बार हो रही सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा
राज्य गठन के बाद यह तीसरा मौका है जब सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का आयोजन हो रहा है। पहली बार साल 2012 में वैकेंसी आई फिर 2014 में, जो 2016 तक पूरी हुई। इसके बाद पुन: वैकेंसी आई, प्रक्रिया शुरू हुई पर इसके बाद से लगातार मामला स्थगित होता रहा। अब वैकेंसियां बढ़कर 2025 हो गई हैं।

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